गोल्ड रपट

छत्तीसगढ़ में रेल क्रांति रेल सुविधाओं के साथ ही पर्यटन, व्यापार, उद्योग और रोजगार की बढेंगी संभावनाएं >>> मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

 47 हजार करोड़ रूपए की रेल विकास परियोजनाएं प्रगति पर 

***** वर्ष 2030 तक रेल नेटवर्क हो जाएगा दोगुना 32 अमृत भारत स्टेशन में होंगी वर्ल्ड क्लास सुविधाएं नई रेल परियोजनाओं का सर्वे अंतिम चरण में रेल सुविधाओं के साथ ही पर्यटनव्यापारउद्योग और रोजगार की बढेंगी संभावनाएं ****

रायपुर, 27 जून 2025 //// मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ की संकल्पना को पूरा करने और छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने के लिए नई-नई रेल परियोजनाओं को मंजूरी मिल रही है। वर्ष 1853 से लेकर 2014 तक 161 साल में छत्तीसगढ़ में केवल 1100 रूट किलोमीटर रेल लाइन बिछाई गई थी।  प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में वर्ष 2014 से वर्ष 2030 तक प्रदेश में रेल नेटवर्क दोगुना बढ़कर 2200 रूट किलोमीटर हो जाएगा। 

केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2025-26 के बजट में छत्तीसगढ़ को 6925 करोड़ रूपए राशि आबंटित की गई है। वर्तमान में केन्द्र सरकार की मदद से छत्तीसगढ़ में 47 हजार करोड़ रूपए की लागत से रेल विकास परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है। राज्य को दो नई वंदे भारत ट्रेन रायपुर-विशाखापटनम और रायपुर-नागपुर की सौगात मिली है। इसके अलावा राज्य सरकार ने मेट्रो ट्रेन के लिए सर्वे कराने का भी निर्णय लिया है। गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ में बिलासपुर में जोनल कार्यालय को मंजूरी दी गई थी। 

छत्तीसगढ़ को नई और प्रगतिरत रेल परियोजना के पूर्ण होेने से राज्य में रेल सुविधाओं में बढ़ोत्तरी के साथ ही यहां पर्यटनव्यापारउद्योग के साथ-साथ रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। इन रेल परियोजनाओं से सामाजिक-आर्थिक विकास को गति मिलेगी।   

वर्ल्ड क्लास रेल्वे स्टेशन 

छत्तीसगढ़ राज्य के 32 स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है। ये स्टेशन आधुनिक यात्री सुविधाओं से युक्तविश्वस्तरीय सुविधाओं से सुसज्जित बनाए जा रहे हैं। हाल में ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अमृत भारत रेल्वे स्टेशन योजना के तहत राज्य के 5 पुनर्विकसित अंबिकापुरउरकुराभिलाईभानुप्रतापपुर एवं डोंगरढ़ स्टेशनों का लोकार्पण किया गया है। 

अमृत भारत रेल्वे स्टेशन योजना में लगभग 1680 करोड़ रूपए की लागत से 32 रेल्वे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा हैजिनमें तीन प्रमुख स्टेशनों बिलासपुर (लागत 435 करोड़)रायपुर (लागत-463 करोड़) एवं दुर्ग स्टेशन (लागत-456 करोड़) का व्यापक पुनर्विकास भी शामिल है। अमृत भारत स्टेशन के अंतर्गत भाटापाराभिलाई पावर हाउसतिल्दा नेवराबिल्हाबालोददल्लीराजहराहथबंदसरोनामरोदामंदिरहसौदनिपानियाभिलाई नगररायपुरदुर्गराजनांदगांवरायगढ़बाराद्वारचाम्पानैलाजांजगीरअकलतराकोरबाउसलापुरपेंड्रा रोडबैकुंठपुर रोडबिलासपुरमहासमुंदजगदलपुर के स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है। 

प्रगतिरत रेल परियोजनाएं 

वर्तमान में छत्तीसगढ़ में 47 हजार करोड़ रूपए की लागत से स्वीकृत रेल परियोजनाओं का निर्माण किया जा रहा है। इनमें प्रमुख परियोजनाएं इस प्रकार है-  राजनांदगांव-नागपुर तीसरी लाइन लम्बाई 228 किमीछत्तीसगढ़ में 48 किमीलागत 3544.25 करोड़बिलासपुर-झारसुगुड़ा चौथी लाइनलंबाई-206 किमीछत्तीसगढ़ में 153 किमीलागत 2135.34 करोड़खरसिया-धरमजयगढ़ नई रेललाइनलंबाई-162.5 किमीलागत 3438.39 करोड़गौरेला-पेंड्रा रोड-गेवरा रोड परियोजनालंबाई 156.81 किमीलागत 4970.11 करोड़केन्द्री-धमतरी एवं अभनपुर-राजिम आमान परिवर्तनलंबाई-67.20 किमीलागत- 544 करोड़बोरिडांड-अम्बिकापुर दोहरीकरणलंबाई 80 किमीलागत-776 करोड़चिरमिरी-नागपुर न्यू हॉल्ट लाइनलंबाई-17 किमीलागत-622.34 करोड़ रूपए शाामिल हैं। 

वर्ल्ड क्लास रेल्वे स्टेशनबस्तर अंचल में नई स्वीकृत रेल परियोजनाएं

भारत सरकार के रेल मंत्रालय ने रावघाट-जगदलपुर नई रेल लाइन (140 किमी) परियोजना को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस परियोजना पर 3513.11 करोड़ रुपए की लागत आएगी। यह निर्णय बस्तर अंचल के सामाजिकआर्थिक और औद्योगिक विकास में मील का पत्थर साबित होगा।

रावघाट-जगदलपुर रेललाइन की मंजूरी से बस्तर अंचल में यात्रापर्यटनव्यापार और रोजगार की सम्भावनाएं बढ़ेंगी। यह रेल परियोजना नक्सलवाद के उन्मूलन की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। बस्तर में केके रेल लाईन (कोत्तवलसा से किंरदुल) दोहरीकरण का काम तेजी से चल रहा है। 446 किलोमीटर लम्बाई के रेल लाईन का 170 किलोमीटर हिस्सा छत्तीसगढ़ में है। छत्तीसगढ़ में इस रेल लाईन का 148 किलोमीटर दोहरीकरण कार्य पूर्ण हो चुका है।

सुकमा-दंतेवाड़ा-बीजापुर भी रेल नेटवर्क में

कोठागुडेम (तेलंगाना) से किरंदुल तक प्रस्तावित 160.33 किमी लंबी नई रेललाइन के फाइनल लोकेशन सर्वे कार्य को केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृति मिलने के बाद सर्वे अब अंतिम चरण में है। इस प्रस्तावित रेललाइन का 138.51 किमी हिस्सा छत्तीसगढ़ के सुकमादंतेवाड़ा और बीजापुर से होकर गुजरेगाजो अब तक रेल कनेक्टिविटी से वंचित रहे हैं। यह परियोजना न केवल आवागमन को सरल बनाएगीबल्कि इन जिलों के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी क्रांतिकारी बदलाव लाएगी।

नई रेल परियोजनाओं का सर्वे अंतिम चरण में 

छत्तीसगढ़ में अम्बिकापुर-बरवाडीह 200 किलोमीटर लागत 9718 करोड़खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा नई रेल लाइन 278 किलोमीटर लागत 7854 करोड़रावघाट-जगदलपुर नई रेल लाइन 140 किलोमीटर लागत 3513 करोड़सरदेगा-भालूमाड़ा नई रेललाइन 37.24 किलोमीटर लागत 1282 करोड़ रूपए और धरमजयगढ़-पत्थलगांव-लोहरदगा 301 किलोमीटर लागत 16,834 करोड़ रूपए रेल परियोजनाओं का डीपीआर तैयार हो रहा है। धरमजयगढ़-लोहरदगा और अंबिकापुर-बरवाडीह रेल परियोजना के लिए सर्वेक्षण का काम अंतिम चरण में। 

छत्तीसगढ़ रेलवे कॉरपोरेशन की परियोजना 

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा रेल कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए कटघोरा से डोंगरगढ़ रेल लाईन निर्माण के लिए 300 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया गया है। इस रेल लाईन के बनने से नागपुर-झारसुगुड़ा रेल मार्ग पर चलने वाली माल-गाड़ियों का लोड कम होगा। छत्तीसगढ़ खनिज विकास निधि सलाहकार समिति द्वारा छत्तीसगढ़ रेलवे कॉरपोरेशन को डोंगरगढ़-कबीरधाम-मुंगेली-कटघोरा रेलमार्ग हेतु भू-अर्जन एवं प्रारंभिक निर्माण कार्य के लिए 300 करोड़ रुपए की राशि दिए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई।